" श्री दादाजी दरबार खण्डवा में श्री गुरुपूर्णिमा दिनांक 19 जुलाई 2016 को मनाई जायेगी। "
Dada Ji Dham Khandwa | Dada Ji Mandir Khandwa | Dhuniwale Dada Ji
केशवानंदजी को मृत्यु के बाद जीवन देने में आनंद मिलता था, और ऐसी बहोत सी घटनाये उनके जीवन में घटी थी। पहली घटना इस तरह है जब एक कुत्ता मर गया और दादाजी ने उसे अपने कम्बल में बांध लिया, वो उसे लेकर घुमा करते थे। उस कुत्ते को वो अपने हाथो के निचे दबाया भी करते थे, कुछ दिनों बाद कुछ लोगो ने उनसे पूछा की आप इस मरे हुए कुत्ते को क्यों लेकर घूमते हो, उन्होंने उस कुत्ते पर अपना डंडा घुमाया और तभी वो उठकर भौकने लगा और भाग गया।
ममता का आशीर्वाद
एक बार एक महिला अपने बच्चे को लेकर दादाजी के पास आई और बोली "दादाजी मेरा बच्चा सोया था, मैंने उसे उठाने की कोशिश की पर वो न तो उठ रहा है ना ही रो रहा है दादाजी मेरी मदत करो", दादाजी ने उस बच्चे को गोद में लिया और जलते हुए धूनी में डाल दिया। वो महिला दादाजी पर चिल्ला उठी और उन्हें भला बुरा कहने लगी। तब दादाजी बोले चिल्ला क्यों रही हो, जाओ अपने बच्चे को आवाज़ दो, उस महिला के चिल्लाने की वजह से लोग इक्क्ठा हो गए और उसी भीड़ में से उसके बच्चे को भी आता हुआ देख वो औरत ख़ुशी से झूम उठी। उस महिला ने दादाजी से माफ़ी मांगी और अपने बच्चे को लेकर घर चली गयी।थोथे ज्ञानिओं को दिव्य दर्शन
एक बार एक वकील, एक डॉक्टर, और एक शिक्षक जिन्हे दादाजी का भगवान शिव का अवतार होने पर विश्वास नहीं था, सोचा अगर दादाजी सच्ची में भगवान शिव के अवतार है तो उन्हें विष पीने पर भी कोई असर नहीं होना चाहिए। वे तीनो दादाजी के पास गए, उन्होंने अपने थैले में गुलाब का हार, मिठाईया और एक जहर की बोतल लायी। जैसेही दादाजी उनसे मिले वे बोले "अरे वाह तुम लोगो ने मेरे लिए फूल और मिठाइयां लायी" दो मुझे और दादाजी ने वह बोतल खोलकर पी लिया। वो तीनो आश्चर्यचकित रह गए, और शर्मिंदा होने पर अपनी गलती स्वीकारते हुए तीनो ने दादाजी से माफ़ी मांगी और दर्शन लेकर चले गए।गांव में आग
एक आदमी, सालिग्राम पटेल, दादाजी का आशीर्वाद लेने के लिए उनके पास आया था। वह लगभग १७-१८ दिनों से दादाजी के साथ रह रहा था और अभी भी उसे अपने घर और परिवार के पास वापस जाने की अनुमति नहीं मिली थी। एक दिन अपने जमात के साधुओ के साथ बैठे दादाजी ने उस आदमी को माँ नर्मदा से थोड़ा पानी लाने का आदेश दिया, और अपनी धूनी पर पानी को डालने को कहा। पानी डालते ही दादाजी ने उसे कोसना शुरू किया और फौरन अपने घर जाने का आदेश दिया। वो आदमी सदमे में पड़ गया और सोचने लगा इतनी रात में बिना किसी साधन के वो घर कैसे जायेगा, पर आज्ञा का पालन करते हुए वो किसी तरह अपने गांव पहुँचा। जब वह गाँव पहुँचा उसने देखा की उसके घर को छोड़कर पूरा गाँव आग की लपटों में राख बन गया था। अब सारी बातें उसके ध्यान में आयी की दादाजी ने उसे धूनी में पानी लाकर डालने क्यों बोला था।अपनी सेवा में रहने वाले लोगो का ध्यान दादाजी को भलीभांति आता था।
Jai shree dadaji 😊 Doing great job dude
ReplyDeleteThnx dear...
Deletejai shri dada ji,
ReplyDeletemujhe maaf kar dijiye is guru purnima ko mai nahi pahuch saka is bhul ko maaf kar do fir jeevan paryant aisee bhul nahi hogi mera pura parivar aapka hi hai...
aapke bachchho ko maaf karo "jo swapn diya hai use vapas lelo"
jai shri dada ji
aapka rini
praveen kumar soni
Betul m.p.
jai shri dada ji aapki krapa ham sab par bani rahe
ReplyDeletepraveen soni betul
Jai shree dadaji
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